WELCOME TO LAL KITTAB VANI

नमस्कार दोस्तों लाल किताब वाणी के ब्लॉग में आप सभी लोगों का स्वागत है हो सकता है आप में से बहुत से लोग अभी मेरे और मेरे संस्थान के नाम से आप परिचित होंगे तो मुझे अपने विषय में आप लोगों को अवगत कराना आवश्यक लगा मेरा शुरुआती कैरियर का क्षेत्र तंत्र से प्रारंभ हुआ था मेरा जन्म 25 अगस्त 1968 को ग्वालियर के जिस मकान में हुआ था वह एक अभिशप्त इमारत थी पूर्णरूपेण पत्थरों से बनी हुई तीन मंजिला भवन था जिसमें नीचे तीन मंजिल तक तहखाने थे भारतवर्ष में पाई जाने वाली सांपों की हर प्रजाति उस मकान में मौजूद थी, उस मकान की खास बात यह भी थी की परिवार से अलग कोई भी व्यक्ति रात्रि को तो छोड़िए दिन में भी उस मकान में 1 घंटे नहीं गुजार सकता था वह वहां से भाग खड़ा होता था अदृश्य शक्तियां उसको उस घर में टिकने ही नहीं देती थी लेकिन मजे की बात यह थी कि हमारा संयुक्त परिवार लगभग 30 से ज्यादा सदस्य थे किसी को भी उन अदृश्य शक्तियों से कभी कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन उनका अनुभव परिवार का हर सदस्य आए दिन करता रहता था उनके विषय में बात करने पर परिवार के बुजुर्ग सदस्य चुप करा देते थे वह समय था जब अज्ञात की खोज की तरफ मेरी यात्रा प्रारंभ हुई उसके बाद क्षेत्र से संबंधित लोगों का मार्गदर्शन मुझे मिलता गया वह लोग भी मुझे आसानी से मिलते गए और मेरी तंत्र के पथ पर यात्रा प्रारंभ हुई 1987 में कानपुर देहात में पंडित रमेश चंद्र शर्मा जी जो कि मेरे प्रथम गुरु भी थे उनके सानिध्य में मैंने अपनी प्रथम उच्च कोटि की तंत्र साधना शव साधना संपन्न करी उसके बाद फिर मैंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा इस दौरान अनगिनत लोगों को तंत्र के माध्यम से उनकी लाइलाज समस्याओं का समाधान करा 1995 में मेरा ज्योतिष के विषय में अत्यधिक रुझान के कारण इस पर कार्य करना प्रारंभ किया इस क्षेत्र से संबंधित बहुत उच्च कोटि के मार्गदर्शक मुझे मिलते गए और मैं इस क्षेत्र में भी बहुत अच्छी तरीके से स्थापित हो गया, 2005 में मेरी हरे कृष्ण ट्रस्ट योगा कॉलेज चंडीगढ़ के फाउंडर मेंबर डॉक्टर अरुण मित्तल जी से फोन पर चर्चा हुई मित्तल जी जो कि लाल किताब को दुनिया के सामने लाने वाले लोगों में एक प्रमुख हस्ती हैं जिनकी हिंदी में अनुवाद की हुई प्रथम लाल किताब अरुण संहिता के नाम से प्रकाशित हुई थी उन्हीं की प्रेरणा से मैंने लाल किताब में अपना कार्य प्रारंभ कर दिया और आज ज्योतिष तंत्र वास्तु की हर विधा में मैं कार्यरत हूं इसके साथ ही औरा रीडिंग चक्रा हीलिंग के माध्यम से अनगिनत लोगों की समस्याओं का समाधान कर चुका हूं मेरी शिक्षा डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग उसके पश्चात बीटेक इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के उपरांत इंडस्ट्रीज में 16 साल तक कार्यरत रहा अपने इंडस्ट्रीज में जॉब के दौरान में तंत्र ज्योतिष से संबंधित क्षेत्र में भी कार्यरत रहा, सन 2005 से मैं पूर्णरूपेण ज्योतिष तंत्र वास्तु क्षेत्र में इंडस्ट्रीज की सर्विस को छोड़कर कार्यरत हो गया और मेरा वह कार्य आज तक चल रहा है |

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